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लेखक:

संजय तिगनाथ

साठ के दशक के आरम्भ में मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में एक दूरस्थ छोटे-से गाँव बरौदिया के आडम्बर, कुरीतियों और अंधविश्वासों से दूर एक सरल, नैष्ठिक ब्राह्मण परिवार में जन्म। शिक्षा ग्वालियर, रीवा, सागर में हुई। भूविज्ञान में एम-टेक एवं पी-एच.डी.। उच्च शिक्षा विभाग में भूविज्ञान विषय के अध्यापन का गत उनतीस वर्षों का अनुभव। जल-भूस्थलाकृति विज्ञान में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की से पोस्ट-डॉक्टोरल शोध-कार्य।

इतिहास, ज्योतिष, दर्शन, अध्यात्म और तंत्र में अभिरुचि।

प्रकाशित कार्य : (अनुवाद मूल अंग्रेजी से हिंदी में) सात नोबेल पुरस्कृत मनीषियों के अध्यात्म एवं विज्ञान सम्बन्धी विचार। अपने मूल विषय में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में शोध-पत्र।

संपादक : साय-फ्रंट्स : ए जर्नल ऑव मल्टीपिल साइंसेज।

अरण्यपंथा

संजय तिगनाथ

मूल्य: $ 12.95

अरन्यपन्था' अरन्यपन्था में वे समस्त मौलिक दुविधाएँ अंतर्निहित हैं जो ज्ञान के गहन प्रांतरों में विद्यमान हैं,

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